राज्य में मैग्निशियम कार्बोनेट, निकोटिन, तंबाकू या मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी पर प्रतिबंध

जयपुर, 2 अक्टूबर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर राज्य में मैग्निशियम कार्बोनेट, निकोटिन, तंबाकू या मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला और फ्लेवर्ड सुपारी के उत्पादन, भंडारण, वितरण और बिक्री पर राज्य में प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इन पदाथोर्ं की पुष्टि स्टेट सेंट्रल पब्लिक हैल्थ लैबारेट्री राजस्थान द्वारा की जाएगी।

श्री शर्मा ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत ऎसे सभी उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। उन्होंने कहा कि युवाओं में नशे की लत को रोकने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। महाराष्ट्र, बिहार के बाद राजस्थान देश का ऎसा तीसरा राज्य बन गया है, जहां इन उत्पादों पर पूर्ण प्रतिबंध है।

उन्होंने कहा कि ऎसी घटिया सामग्री की बिक्री को नियंत्रित करने के साथ ही, चोरी के माल की बिक्री पर सख्ती बरतते हुए पूरी तरह से रोक लगाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। गौरतलब है कि इससे पूर्व सरकार ने -सिगरेट और संचालित हो रहे हुक्का बारों पर भी प्रतिबंध लगा रखा है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने जवाहर कला केन्द्र में महात्मा गांधी दस्तकार नगर योजना को रिलांच किया और इस योजना के पोस्टर का विमोचन किया। इस योजना के तहत दस्तकारों को रियायती दर पर 660 आवास आवंटित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने इस योजना में आवंटित किए जाने वाले आवासों की कीमत को 16 लाख 35 हजार रुपए से घटाकर 14 लाख 99 हजार रुपए करने की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने उल्लेखनीय कार्य के लिए आवासन मंडल के कार्यों को सराहा और आयुक्त श्री पवन अरोड़ा को बधाई दी।

राजस्थान आवासन मंडल आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने बताया कि महात्मा गांधी दस्तकार नगर योजना जयपुर के नजदीक नायला ग्राम में लगभग 15 हेक्टेयर भूमि पर विकसित की गई है।  इसमें आवासीय इकाई मय कार्यशाला का निर्माण किया गया है। इस योजना के लिए आवेदन पत्रों की बिक्री 2 अक्टूबर, 2019 से शुरू हो गई है, जो कि 1 नवम्बर, 2019 तक चलेगी। पात्र आवेदकों की अस्थाई सूची के प्रकाशन के बाद लॉटरी से इनका आवंटन किया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में यह योजना अप्रेल, 2013 में शुरू की गई थी। इस योजना में कुल 750 आवासीय इकाई मय कार्यशाला का निर्माण किया गया है, जिसमें से 90 इकाईयों का आवंटन किया जा चुका है, जिनके आवंटन पत्र शीघ्र जारी किए जा रहे हैं।

राजस्थान आवासन मंडल के आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुसार इस योजना को नया रूप दिया गया है। दस्तकारों के उत्पादों को उचित मूल्य मिले और उन्हें नया बाजार उपलब्ध हो, इस उद्देश्य से दस्तकार नगर में एक प्रदर्शनी स्थल बनाया जाएगा। यहां स्थानीय दस्तकार अपने उत्पादों को प्रर्दशित कर सकेंगे।

मिलेंगे स्वादिष्ट व्यंजन और होंगे रंगारग र्कायक्रम
राजस्थान आवासन मंडल के आयुक्त श्री पवन अरोड़ा ने बताया कि यहां एक चौपाटी बनाई जाएगी, जहां विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंंगे। इसके साथ ही यहां एक ओपन थियेटर भी बनाया जाएगा, जहां सायं के समय विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम
राज्य सरकार ने प्रदेश के कई जिलों में भारी वर्षा के कारण बाढ़ जैसी स्थिति के चलते राहत गतिविधियों के लिए केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 966.51 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता राशि उपलब्ध करवाने की मांग की है। पीड़ितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के उद्देश्य से केन्द्र को भेजे जाने वाले अंतरिम ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है।
राज्य के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों को भारी वर्षा, जल-भराव एवं आकाशीय बिजली गिरने से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों, सड़कों, बांधों आदि को हुए वास्तविक नुकसान का जल्द से जल्द आकलन करने के निर्देश दिए हैं, ताकि एनडीआरएफ से अतिरिक्त सहायता के लिए अंतिम ज्ञापन तैयार किया जा सके।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा तैयार अंतरिम ज्ञापन में सर्वाधिक राशि सड़कों, पुलों और शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत, फसलों और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए मांगी गई है। साथ ही, बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलों और अन्य परिसम्पतियों को हुए नुकसान के आकलन के लिए सर्वे और गिरदावरी करवाई जा रही है।
उल्लेखनीय है इस वर्ष मानसून के दौरान राज्य के कई जिलों में हुई भारी वर्षा से बाढ़ जैसी स्थिति बनी और आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ। वर्षा-जनित आपदा के कारण अभी तक 59 व्यक्तियों की मृत्यु और भारी संख्या में आवासीय भवनों, कैटलशेड, निजी एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों, सड़कों, बांधों आदि को क्षति हुई है। काफी संख्या में पशुधन और फसलों को भी नुकसान हुआ है, जिसके लिए प्रभावित लोगों को एनडीआरएफ नोर्म्स के तहत तत्काल राहत एवं सहायता राशि और मुआवजा दिया जाना अपेक्षित है। इसके लिए केन्द्र की ओर से अन्तर-मंत्रालय दल भी सितम्बर के पहले सप्ताह में राजस्थान का दौरा कर चुका है।